Monday 30 December 2019

31-12-2019 /4

*जिन्हें याद करके,,मुस्करा दे ये आंखें*

वो लोग दूर होकर भी,,दूर नहीं होते

31-12-2019 /3

*हथेली पर रखकर नसीब..*
*"तु क्यों अपना* *मुकद्दर ढूँढ़ता है.."*

*सीख उस समन्दर से..* *"जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है.."*

31-12-2019 /2


*विचारों की खूबसूरती*
*कही से भी मिले चुरा लो...!*
*क्योंकि चेहरे की खूबसूरती*
*तो उमर के साथ बदल जाती है...!*
*मगर विचारों की खूबसूरती*
*हमेशा दिलो मे अमर रहती है...!!*                      

31-12-2019 /1

🌷🌷..💐💐..🌷🌷
दुनियाँ की हर चीज…
ठोकर लगने से टूट जाया करती है.

एक कामयाबी ही है…
जो ठोकर खा के ही मिलती है …!!

30-12-2019 /6

किलो के भाव बिकती है
एक दिन पुरानी खबरे
और हम बरसों पुरानी रद्दी भी,
रोज़ सर पे ढोए फिरते है।😃😃

Sunday 29 December 2019

30-12-2019 /5

"बड़प्पन" वह गुण है
जो पद से नहीं "संस्कारों"
से प्राप्त होता है।
परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं
जितना अपनों को अपना बनाए रखना

30-12-2019 /4

*"इंसान नहीं बोलता, उसके दिन बोलते हैं*

*जब दिन नहीं बोलते तो, इंसान लाख बोले उसकी कोई नहीं सुनता।*

30-12-2019 /3

एक समय था,
जब पुलिस गेट बंद कर के मारती थी,
अब नेट बंद कर के मारती है
😂😂😜

30-12-2019 /2

सलाह के सौ शब्दों से ज्यादा, अनुभव की एक ठोकर इंसान को बहुत मजबूत बनाती है ।

30-12-2019 /1

*..............✍🏻*

*" निखरती है मुसीबतों से ही!*
*शख्सियत यारों !!*
*जो चट्टान से ही ना उलझे!*
*वो झरना किस काम का!!"*

30-12-2019 /1

*समझ नही आता जिंदगी तेरा फैसला*

एक तरफ तू कहती है,,सबर का फल मिठा होता है

*और दूसरी तरफ कहती है वक्त किसी का इंतजार नहीं करता*

29-12-2019 /1

*कपड़ों की “मैचिंग” बिठाने से,*
*सिर्फ शरीर “सुंदर” दिखेगा,*
*रिश्तों व हालातों से,*
*“मैचिंग” बैठा लीजिये,*
*जिंदगी “सुंदर” बन जायेगी*.     

Wednesday 25 December 2019

Support CAA & NRC

मै कल एक सोसायटी में अपने पुराने मित्र से मिलने गया, सोसायटी के चौकीदार ने मुझे रोककर रजिस्टर खोला जिसमें मेरा नाम और मो. नंबर,   विजिट का समय, घर का नंबर और अंत में ऑटोग्राफ भी लिया और सवाल किया कहां से आए हैं ?.... और मेरे मित्र के घर पर फोन कर कन्फर्म किया कि फलाना भाई आपसे मिलने आए हैं, उन्हें आने दूं क्या ?, मेरे मित्र की अनुमती के बाद ही उसने मुझे अंदर आने दिया.....5 मिनिट की इस कार्यवाही के बाद मेरे मन में विचार आया कि एक सोसायटी में अपने पुराने मित्र से मिलने के लिए मुझे ये सारी जानकारी सोसायटी की सुरक्षा के लिए देनी पड़ रही है तो देश का चौकीदार बाहर से आकर बसे लोगों से  डिटेल मांगे तो इसमें बुरा क्या है?

Support CAA & NRC

कहा ग़लत हे सरकार !!!
अगर आप को ग़लत लग थी हे हो आप भी फिर किसी होटल या अन्य किसी भी जगे अपना परिचय मत दो !!!
हम सब भारतीय हे परिचय देने की ज़रूरत क्या हे !!!!!

Monday 23 December 2019

भरत और लक्ष्मण

विनम्र निवेदन:-एक बार पढियेगा जरूर,,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
-------------------

" भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है,
 मैं गाड़ी भेज दूँगा।"
छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा।
 " क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?"
       " नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं ।"
  " अपना मकान", भरपूर आश्चर्य के साथ भरत के मुँह से निकला।
        "छोटे तूने बताया भी नहीं कि तूने अपना मकान ले लिया है।"
  " बस भैया ", कहते हुए लक्ष्मण ने फोन काट दिया।
        " अपना मकान" ,  " बस भैया "  ये शब्द भरत के दिमाग़ में हथौड़े की तरह बज रहे थे।
           भरत और लक्ष्मण, दो सगे भाई ,और उन दोनों में उम्र का अंतर था करीब  पन्द्रह साल।
लक्ष्मण जब करीब सात साल का था तभी उनके माँ-बाप की एक दुर्घटना में मौत हो गयी।
अब लक्ष्मण के पालन-पोषण की सारी जिम्मेदारी भरत पर थी। इस चक्कर में उसने जल्द ही शादी कर ली, कि जिससे लक्ष्मण की देख-रेख ठीक से हो जाये।
   प्राईवेट कम्पनी में क्लर्क का काम करते भरत की तनख़्वाह का बड़ा हिस्सा दो कमरे के किराये के मकान और लक्ष्मण की पढ़ाई व रहन-सहन में खर्च हो जाता। इस चक्कर में शादी के कई साल बाद तक भी भरत ने बच्चे पैदा नहीं किये।
जितना बड़ा परिवार उतना ज्यादा खर्चा।
  पढ़ाई पूरी होते ही लक्ष्मण की नौकरी एक अच्छी कम्पनी में लग गयी ,और फिर जल्द शादी भी हो गयी। बड़े भाई के साथ रहने की जगह कम पड़ने के कारण उसने एक दूसरा किराये का मकान ले लिया।
वैसे भी अब भरत के पास भी दो बच्चे थे, लड़की बड़ी और लड़का छोटा।
 मकान लेने की बात जब भरत ने अपनी बीबी को बताई तो उसकी आँखों में आँसू आ गये। वो बोली
, "  देवर जी के लिये हमने क्या नहीं किया।
कभी अपने बच्चों को बढ़िया नहीं पहनाया। कभी घर में महँगी सब्जी या महँगे फल नहीं आये।
 दुःख इस बात का नहीं कि उन्होंने अपना मकान ले लिया, दुःख इस बात का है कि ये बात उन्होंने हम से छिपा के रखी।"
   इतवार की सुबह लक्ष्मण द्वारा भेजी गाड़ी, भरत के परिवार को लेकर एक सुन्दर से मकान के आगे खड़ी हो गयी।
 मकान को देखकर भरत के मन में एक हूक सी उठी। मकान बाहर से जितना सुन्दर था अन्दर उससे भी ज्यादा सुन्दर।
हर तरह की सुख-सुविधा का पूरा इन्तजाम। उस मकान के दो एक जैसे हिस्से देखकर भरत ने मन ही मन कहा, " देखो छोटे को अपने दोनों लड़कों की कितनी चिन्ता है। दोनों के लिये अभी से एक जैसे दो हिस्से  (portion) तैयार कराये हैं।
पूरा मकान सवा-डेढ़ करोड़ रूपयों से कम नहीं होगा। और एक मैं हूँ, जिसके पास जवान बेटी की शादी के लिये लाख-दो लाख रूपयों का इन्तजाम भी नहीं है।"
   मकान देखते समय भरत की आँखों में आँसू थे,
 जिन्हें  उन्होंने बड़ी मुश्किल से बाहर आने से रोका।
          तभी पण्डित जी ने आवाज लगाई,
 " हवन का समय हो रहा है, मकान के स्वामी हवन के लिये अग्नि-कुण्ड के सामने बैठें।"
   लक्ष्मण के दोस्तों ने कहा, " पण्डित जी तुम्हें बुला रहे हैं।"
          यह सुन लक्ष्मण बोले,
" इस मकान का स्वामी मैं अकेला नहीं, मेरे बड़े भाई भरत भी हैं।
आज मैं जो भी हूँ सिर्फ और सिर्फ इनकी बदौलत।
 इस मकान के दो हिस्से हैं, एक उनका और एक मेरा।"
  हवन कुण्ड के सामने बैठते समय लक्ष्मण ने भरत के कान में फुसफुसाते हुए कहा,
" भैया, बिटिया की शादी की चिन्ता बिल्कुल न करना। उसकी शादी हम दोनों मिलकर करेंगे ।"
         पूरे हवन के दौरान भरत अपनी आँखों से बहते पानी को पोंछ रहे थे,
 जबकि हवन की अग्नि में धुँए का नामोनिशान न था

*भरत जैसे आज भी
मिल जाते हैं इन्सान
पर लक्ष्मण जैसे बिरले ही
मिलते  इस जहान*

 काश सभी को ऐसे भाई मिले।
रिश्तों को संजो कर रखिये,

याद रक्खिये, ये आपके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है,

पैसे तो आते रहेंगे जाते रहेंगे लेकिन रिश्ता एक बार गया तो दोबारा नही आयेगा।🙏🙏🙏 🙏🙏राम राम जी

24-12-2019 /2

*हो सके तो दिलों में रहना सीखो;*

*गुरुर में तो हर कोई रह लेता है..।*

*Good Morning 👏🏻*

24-12-2019 /1

*ज़रा सी दोस्ती कर ले,,,ज़रा सा हम नशी बन जा*

थोड़ा तो साथ दे मेरा,,,फिर चाहे अजनबी बन जा

23-12-2019 / 1

*सिर्फ दुनिया के सामने जीतने वाला ही विजेता नहीं होता।*
*किन रिश्तों के सामने कब और कहाँ पर हारना है,*
*यह जानने वाला भी विजेता होता है।*

बिजली के बिल के लिए सरकार की धमकी.....

बिजली-बिल-जमा-करने-का-ऐसा-एनाउंसमेंट-कभी-नही-सुना-होगा-।👇👇👇👇😂😂😂😂😂😂😂😂


Thursday 19 December 2019

20-12-2019 /2

इश्क के बाजार में हुस्न की जरूरत नहीं

दिल जिस पर आ जाये वही सबसे हंसी होता है

20-12-2019 /1

तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा

खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है

Wednesday 18 December 2019

18-12-2019 /1

*💞रिश्ते...अगर दिल में हों तो तोड़ने से भी नहीं टूटते,*
*और*
*अगर दिमाग में हों तो जोड़ने से भी नहीं जुड़ते !! 💞*

Monday 16 December 2019

17-12-2019 / 1

*दिल वहीं लौटना चाहता है*
*जहां दुबारा जाना मुमकिन नहीं होता,*

*बचपन, मासूमियत,*
*पुराना घर, पुराने दोस्त*

Sunday 15 December 2019

16-12-2019 / 5

🌹 ज़िद तो मोतियों की होती है बिखर जाने की,

हम तो धागा हैं तुमको पिरो के रखेंगे अपनी मोहब्बत में...🌹

16-12-2019 / 4

सजा देनी हमे भी आती है,ओ बेखबर

मगर तू तकलीफ से गुजरे ये हमें मंजूर नहीं

16-12-2019 / 3

देखी है दरार आज मैंने आइने में

पता नहीं शीशा टूटा था..या मैं

16-12-2019 / 2

मेरे लफ़्ज़ फ़ीके पड़ गए,तेरी एक अदा के सामने

मैँ तुझको ख़ुदा कह गया,अपने ख़ुदा के सामने

16-12-2019 / 1

खुदा भी हैरान है देखकर इबादत मेरी

कहता है की मैं पाँच वक्त और वो हर वक्त

Saturday 14 December 2019

प्याज 15-12-2019

वक्त कब किसका बदल जाये कहा नहीं जा सकता
 आज प्याज का भी
सेब, अनार के साथ उठना बैठना है ।😂😜
   🌷☕☕सुप्रभात 🌷

पैसा 15-12-2019

 कल रात मैंने एक  "सपना"  देखा.!
मेरी Death हो गई....

जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे इसलिये यमराज मुझे
 स्वर्ग में ले गये...

देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर मेरा स्वागत किया...

मेरे हाथ में Bag देखकर पूछने लगे

''इसमें क्या है..?"

मैंने कहा...
'' इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है, पांच करोड़ रूपये हैं ।"

इन्द्र ने 'BRP-16011966' नम्बर के Locker की ओर
 इशारा करते हुए कहा-
''आपकी अमानत इसमें रख दीजिये..!''

मैंने Bag रख दी...

मुझे एक Room भी दिया...

मैं Fresh होकर Market में निकला...

 देवलोक के Shopping Moll मे अदभूत वस्तुएं देखकर मेरा मन ललचा गया..!

मैंने कुछ चीजें पसन्द करके Basket में डाली,
 और काउंटर पर जाकर उन्हें दो हजार की करारे नोटें देने लगा...

Manager ने
नोटों को देखकर कहा, ''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!''

यह सुनकर मैं हैरान रह गया..!

मैंने इंद्र के पास इसकी Complain कि इंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा कि,
''आप व्यापारी होकर इतना भी नहीं जानते..?
कि आपकी करेंसी बाजु के मुल्क पाकिस्तान, श्रीलंका और बांगलादेश में भी नही चलती...

और आप
 मृत्यूलोक की करेंसी स्वर्गलोक में चलाने की मूर्खता कर रहे हो..?''

 यह सब सुनकर
मुझे मानो साँप सूंघ गया..!

मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगा और परमात्मा से दरखास्त करने लगा,

''हे भगवान्.ये... क्या हो गया.?''
''मैंने कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया..!''
''दिन नही देखा, रात नही देखा,"
'' पैसा कमाया...!''

''माँ बाप की सेवा नही की, पैसा कमाया,
बच्चों की परवरीश नही की, पैसा कमाया....
 पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नही दिया, पैसा कमाया...!''

''रिश्तेदार,
भाईबन्द,
परिवार और यार दोस्तों से भी किसी तरह की हमदर्दी न रखते हुए पैसा कमाया.!!"

''जीवन भर हाय पैसा
हाय पैसा किया...!
ना चैन से सोया,
ना चैन से खाया...
 बस,
 जिंदगी भर पैसा कमाया.!''

''और यह सब व्यर्थ गया..?''

''हाय राम, अब क्या होगा..!''

इंद्र ने कहा,-
''रोने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.!! "
"जिन जिन लोगो ने यहाँ जितना भी पैसा लाया, सब रद्दी हो गया।"

"जमशेद जी टाटा के
 55 हजार करोड़ रूपये,
बिरला जी के
 47 हजार करोड़ रूपये,
 धीरू भाई अम्बानी के
 29 हजार करोड़
अमेरिकन डॉलर...!
  सबका पैसा यहां पड़ा है...!"

मैंने इंद्र से पूछा-
"फिर यहां पर कौनसी करेंसी चलती है..?"

इंद्र ने कहा-
"धरती पर अगर कुछ अच्छे कर्म किये है...!

जैसे किसी दुखियारे को *मदद* की,
किसी रोते हुए को *हसाया*,
किसी *गरीब* बच्ची की शादी कर दी,
किसी *अनाथ* बच्चे को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया...!
किसी को *व्यसनमुक्त* किया...!
 किसी अपंग स्कुल, वृद्धाश्रम या मंदिरों में दान धर्म किया...!"

"ऐसे पूण्य कर्म करने वालों को यहाँ पर एक *Credit Card* मिलता है...!
और
उसे प्रयोग कर आप यहाँ स्वर्गीय सुख का उपभोग ले सकते है..!''

मैंने कहा,
"भगवन.... मुझे यह पता नहीं था. इसलिए मैंने अपना जीवन व्यर्थ गँवा दिया.!!"

"हे प्रभु,
मुझे थोडा आयुष्य दीजिये..!''

 और मैं गिड़गिड़ाने लगा.!

इंद्र को मुझ पर दया आ गई.!!

इंद्र ने तथास्तु कहा और मेरी नींद खुल गयी..!

मैं जाग गया..!

अब मैं वो दौलत कमाऊँगा जो वहाँ चलेगी..!!
🙏
नोट : रचना किसी और की है मैंने तो आप तक पहुंचाने में सिर्फ मेरी उंगलियों का इस्तेमाल किया है।मुझे पढ़कर अच्छा लगा इस लिए मैने आगे फॉरवर्ड किया आप को अच्छा लगे तेा आप भी आगे जरूर भेजे🙏

स्वागत 15\12\2019

*शब्दों का महत्व  तो बोलने के भाव से पता चलता है...*

*वरना “स्वागत” तो पायदान पर भी लिखा होता है।*

चाकू.. खंजर.. तीर और, तलवार....

  " चाकू .. खंजर . .                            तीर और,                                               तलवार ..                        ...