Saturday 4 April 2020

5/4/2020 1

एक मुद्दत से आरज़ू थी
फुरसत की ...

मिली , तो इस शर्त पे कि
किसी से ना मिलो ..!!


जो कहते थे मरने तक की फुर्सत नहीं है
वो आज मरने के डर से फुर्सत में बैठे हैं

No comments:

Post a Comment

चाकू.. खंजर.. तीर और, तलवार....

  " चाकू .. खंजर . .                            तीर और,                                               तलवार ..                        ...